साबूदाना खिचड़ी रेसिपी
साबूदाना खिचड़ी भारतीय घरों में खासकर व्रत और उपवास के दिनों में बनाई जाने वाली एक लोकप्रिय डिश है। यह हल्की, स्वादिष्ट और पौष्टिक होती है, जिससे शरीर को लंबे समय तक ऊर्जा मिलती है। साबूदाना, जिसे अंग्रेजी में ‘टैपिओका पर्ल्स‘ कहा जाता है, इस को विभिन्न भारतीय व्यंजनों में इस्तेमाल किया जाता है और यह खिचड़ी उनमें से एक बेहतरीन उदाहरण है। इसे न केवल व्रत या उपवास के दिनों में खाया जाता है, बल्कि सामान्य दिनों में भी यह नाश्ते या हल्के भोजन के रूप में बेहद पसंद की जाती है। साबूदाना खिचड़ी आसानी से पचने वाली, ग्लूटन-फ्री होती है और शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करती है, इसलिए यह खासकर उन लोगों के लिए अच्छी है जो लंबे समय तक काम करने या उपवास के दौरान अपनी ऊर्जा बनाए रखना चाहते हैं। इस खिचड़ी में इस्तेमाल होने वाले मूंगफली, आलू और हल्के मसाले इसे और भी स्वादिष्ट और पौष्टिक बनाते हैं। अगर आप भी साबूदाना खिचड़ी बनाना चाहते हैं, तो यहां हम आपको इसे बनाने का आसान तरीका सिखाएंगे और इसके साथ ही इससे जुड़े कुछ महत्वपूर्ण स्वास्थ्य लाभ भी बताएंगे, ताकि आप अपने परिवार के साथ इस स्वादिष्ट और सेहतमंद व्यंजन का आनंद उठा सकें।

साबूदाना खिचड़ी बनाने के लिए सामग्री:
साबूदाना खिचड़ी बनाने के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होगी:
साबूदाना (टैपिओका पर्ल्स): 1 कप
मूंगफली: 1/2 कप (भुनी हुई)
आलू: 1-2 (मीडियम आकार के, उबले और कटे हुए)
हरी मिर्च: 2-3 (बारीक कटी हुई)
घी या तेल: 2 टेबलस्पून
जीरा: 1 टीस्पून
करी पत्ते: 7-8
नमक: स्वादानुसार (सेंधा नमक व्रत के लिए)
नींबू: 1 (रस के लिए)
हरा धनिया: 2 टेबलस्पून (कटा हुआ)

साबूदाना खिचड़ी बनाने की विधि:
1. साबूदाना भिगोने की प्रक्रिया:
सबसे पहले, साबूदाना को अच्छे से धो लें और उसे पर्याप्त पानी में 4-5 घंटे या फिर रातभर के लिए भिगो दें। ध्यान रहे कि साबूदाना में उतना ही पानी डालें जिससे वह पूरी तरह भीग जाए और नरम हो जाए। साबूदाना को अधिक पानी में न भिगोएं क्योंकि इससे वह चिपचिपा हो सकता है। सही तरीके से भिगोए गए साबूदाना के दाने नरम और अलग-अलग होने चाहिए।
2. मूंगफली को भूनना:
जब साबूदाना भीग रहा हो, तब तक मूंगफली को हल्का भून लें। भूनने के बाद मूंगफली का छिलका उतारें और इसे दरदरा पीस लें। यह साबूदाना खिचड़ी में एक अच्छा कुरकुरापन जोड़ता है और इसके स्वाद को और बढ़ाता है।
3. आलू तैयार करना:
अब आलुओं को उबालकर छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें। इन्हें साबूदाना खिचड़ी में मिलाने से इसका स्वाद और पोषण बढ़ता है। अगर आप चाहें तो आलू को तले बिना भी खिचड़ी में डाल सकते हैं।
4. खिचड़ी बनाना:
अब एक कढ़ाई में घी या तेल गर्म करें। इसमें सबसे पहले जीरा डालें, और जब यह तड़कने लगे तो हरी मिर्च और करी पत्ते डालें। इसके बाद उबले हुए आलू डालकर 2-3 मिनट तक हल्की आंच पर भूनें।
5. साबूदाना मिलाना:
अब भीगा हुआ साबूदाना और पिसी हुई मूंगफली को कढ़ाई में डालें और इसे अच्छे से मिलाएं। इसके बाद इसमें स्वादानुसार सेंधा नमक डालें। धीमी आंच पर साबूदाना को 5-7 मिनट तक पकने दें। ध्यान दें कि साबूदाना पकने के बाद पारदर्शी दिखने लगता है, जो इसके पकने का संकेत होता है।
6. अंतिम तड़का और सजावट:
अब आपकी साबूदाना खिचड़ी लगभग तैयार है। इसे तवे से उतारने से पहले नींबू का रस डालें और ऊपर से हरे धनिये से सजाएं। इससे खिचड़ी का स्वाद और सुगंध दोनों में बढ़ोतरी होगी।

साबूदाना खिचड़ी के स्वास्थ्य लाभ:
साबूदाना खिचड़ी स्वादिष्ट होने के साथ-साथ सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होती है। इसमें मौजूद मूंगफली और आलू इसे ऊर्जा से भरपूर बनाते हैं, जो उपवास के दौरान शरीर को आवश्यक पोषण प्रदान करते हैं। आइए जानते हैं इसके कुछ मुख्य स्वास्थ्य लाभ:
त्वरित ऊर्जा का स्रोत: साबूदाना में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होती है, जो तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है। इसलिए इसे उपवास के दौरान खाया जाता है ताकि शरीर को पूरे दिन के लिए आवश्यक ऊर्जा मिल सके।
ग्लूटन-फ्री: साबूदाना पूरी तरह से ग्लूटन-फ्री होता है, इसलिए यह उन लोगों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है जिन्हें ग्लूटन से एलर्जी है या जिन्हें सीलिएक डिजीज है।
पाचन में मददगार: साबूदाना हल्का होता है और इसे पचाना आसान होता है। इसमें उपस्थित स्टार्च पाचन तंत्र के लिए लाभकारी होता है, जिससे यह पेट के लिए हल्का और आरामदायक होता है।
वजन बढ़ाने में सहायक: यदि आप वजन बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं, तो साबूदाना आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है। इसमें कैलोरी की मात्रा अधिक होती है, जो वजन बढ़ाने में मदद करती है।
हाइड्रेशन में मददगार: साबूदाना में पानी की मात्रा अधिक होती है, जो शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद करती है। यह उपवास के दौरान शरीर में नमी बनाए रखने में सहायक होता है।
हड्डियों के लिए लाभकारी: साबूदाना में मौजूद कैल्शियम और आयरन हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। इसलिए इसे नियमित रूप से सेवन करना हड्डियों के लिए फायदेमंद होता है।
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कुछ उपयोगी टिप्स साबूदाना खिचड़ी बनाने के लिए:
- साबूदाना खिचड़ी बनाते समय ध्यान रखें कि साबूदाना अच्छी तरह से भीगा हो। अगर साबूदाना ठीक से नहीं भीगा होगा, तो खिचड़ी चिपचिपी हो सकती है।
- अगर आप खिचड़ी को ज्यादा पौष्टिक बनाना चाहते हैं, तो इसमें गाजर, मटर और शिमला मिर्च जैसी सब्जियाँ भी डाल सकते हैं।
- अगर आप चाहे तो इसमें थोड़ी चीनी भी मिला सकते है इससे खिचड़ी में थोई मिठास आयगी निम्बू और चीनी मिलाने से स्वाद और बड जाता है |
- साबूदाना को पकाते समय हल्की आंच पर पकाएं ताकि वह चिपचिपा न हो और सभी सामग्री अच्छे से मिल जाए।
निष्कर्ष:
साबूदाना खिचड़ी एक स्वादिष्ट और सेहतमंद डिश है जो उपवास के दिनों में आपके शरीर को आवश्यक पोषण प्रदान करती है। यह रेसिपी बनाने में जितनी आसान है, उतनी ही फायदेमंद भी है। इसे आप न केवल उपवास में, बल्कि किसी भी समय नाश्ते या हल्के भोजन के रूप में भी बना सकते हैं।